लॉकडाउन और मैं (CHAPTER-1)
महीना मार्च का और तारीख 18 मार्च, इसी दिन बेटे का बर्थडे था, तबतक कोरोना भारत में दस्तक दे चुका था, कोरोना के केसेज मिलने लगे थे, कर्नाटक में 76 साल के बुजुर्ग की कोरोना से मौत हो चुकी थी, इधर नोएडा के एक स्कूल में कोरोना संक्रमितों की चर्चा जोरों पर थी, क्योंकि यहां पढ़ाई करने वाले एक बच्चे के माता-पिता इटली से लौटे थे, और उन्होंने बर्थडे पार्टी दी थी, जिसमें स्कूल के कुछ बच्चों के परिजनों को बुलाया था...बाद में जो इटली से शख्स लौटा था उसमें कोरोना की पुष्टि हुई थी, ऐसे में कोरोना संकट को देखते हुए भारत में लॉकडाउन की चर्चा शुरू हो गई थी, कोरोना संक्रमण की वजह से मैंने दो तीन दोस्तों को ही बेटे के बर्थडे में बुलाया था, वैसे भी दिल्ली में किसी भी कार्यक्रम में 20 से अधिक लोगों के शामिल होने की इजाजत नहीं थी। खैर बर्थ डे पार्टी खत्म हुई सभी लोग अपने-अपने घर लौट गए , तभी एक मित्र का फोन आया कि सब्जी मंडी में सामान खरीदने की होड़ मच गई है। सभी लोग जरूरत से अधिक सामान खरीद रहे है, शायद लॉकडाउन की घोषणा होने वाली है, मैंने तुरंत टीवी पर न्यूज चैनल लगाया, लॉकडाउन जैसी कोई खबर नहीं थी। मुझे भी लग रहा था कुछ सामान खरीद लेना चाहिए, फिर सोचा कि इतने बड़े देश में लॉकडाउन होगा तो ऐसा नहीं है कि खाने पीने की चीजें नहीं मिलेंगी। फिर मैं शांत हो गया, घर में पार्टी के बाद बिखरे सामानों को व्यवस्थित करने लगा।

दूसरे दिन यानि की 19 मार्च को खबर आ गई कि पीएम मोदी रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे। शक अब यकिन में बदल गया, पक्का हो गया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए पीएम मोदी कोई बड़ा ऐलान कर सकते है मशलन लॉकडाउन जैसा ऐलान कर सकते है। दिन भर टीवी पर चलता रहा, पीएम मोदी ये बोलेंगे, पीएम मोदी वो बोलेंगे, ये एलान हो सकता है, जितने चैनल उतनी कयासे लगाई जा रही थी, किसी तरह से दिन बिता, शाम हुई और रात 8 बजते ही पीएम मोदी टीवी पर अवतरीत हो गए, पहले कोरोना पर पूरी जानकारी दी, देश में तैयारियों की जानकारी दी, फिर ऐलान किया कि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू रहेगा। जनता कर्फ्यू का मतलब भी बताया...जनता कर्फ्यू जनता का, जनता के लिए और जनता के द्वारा, जनता कर्फ्यू सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक लगाया गया, जनता कर्फ्यू के दौरान सभी आवाजाही पर प्रतिबंध की बात कही गई। साथ ही पीएम मोदी ने एक और ऐलान किया, उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ने में जो फ्रंट लाइन योद्धा हैं उनके के लिए शाम 5 बजे 5 मिनट के लिए अपनी बालकनी और छत से ताली और थाली बजाएं। थाली बजा कर कोरोना वॉरियर्स का मनोबल बढ़ाएं।
तारीख 22 मार्च, पीएम मोदी के ऐलान के मुताबिक सुबह से पूरे देश में जनता कर्फ्यू लग गया था, पूरे देश के साथ राजधानी दिल्ली की सड़कें भी खाली दिख रही थी। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। किसी को भी ना दफ्तर जाने की जल्दी थी और ना ही किसी को ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन जाने की हड़बड़ी। सभी लोग आराम से अपने घरों में छूट्टी का आनंद ले रहे थे। और जनता कर्फ्यू का पालन कर रहे थे। सुबह के 10 बजने के साथ ही चारों तरफ से सन्नाटे की तस्वीरें आने लगी। न्यूज चैनल पर बड़े बड़े शहरों के एरियर शॉट आने लगे, तस्वीरों में दूर-दूर तक कोई नहीं दिखाई दे रहा था। केवल कंक्रीट की बस्ती दिखाई दे रही थी। सड़कों पर एगी दूगी गाड़ियां दिख रही थी जो इसेंसियल सर्विस में लगी हुई थी।
खैर मुझे भी इवनिंग शिफ्ट में ऑफिस जाना था सो मैं भी तैयार हुआ और तीन बजने के साथ ऑफिस के लिए निकल पड़ा। अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन के सामने पहुंचा और सड़क किनारे बाइक रोक दी। ऐसा नजारा दिल्ली में रहने के 7 साल के दौरान कभी नहीं दिखा। ऐसा मौका कभी नहीं आया कि सड़क पर एक भी गाड़ी नहीं दिखी, सुबह हो, दोपहर हो या फिर शाम हमेशा गाड़ियों की लंबी कतार लगी रहती थी। मैंने पौकेट से मोबाइल निकाला और इस ऐतिहासिक पल को कैमरे में कैद कर लिया। तब ये मालूम नहीं था ये सड़के अगले दो महीनों के लिए ऐसी खाली रहनेवाली है। खैर वहां से आगे बढ़ा...सड़कें खाली थी, बाइक ड्राइव करने में आनंद आ रहा था हवा को चिरती बाइक फर्राटे के साथ आगे बढ़ रही थी। रोज की तरह ऑफिस पहुंचा और काम में लग गया। शाम 5 बजने वाले ही थे कि उससे पहले ही ANI
से ताली और थाली बजाने की तस्वीरें आने लगी। आम जनता के साथ बड़े-बड़े नेता अपने घरों के बाहर या फिर बालकनी से ताली और थाली बजाते नजर आ रहे थे, पीएम मोदी की भी तस्वीर आई , पीएम भी चम्मच से थाली बजाते नजर आये। देखते ही देखते पूरा देश ताली और थाली से पूरा देश गूंज उठा। माहौल गजब का बन गया, लोग कोरोना वॉरियर्स का हौसला बढ़ाने के साथ ही इसे एक त्यौहार की तरह मना रहे थे। मेरी बेटी और मेरा बेटा भी बालकनी में अपनी मां के साथ थाली बजाने में मग्न थे। मैं उन्हें वीडियो कॉल के माध्यम से देख रहा था। इसके साथ ही लॉकडाउन का पहला पहला चैप्टर या यू कहे कि जनता कर्फ्यू खत्म हुआ। अब लोगों की निगाह 23 मार्च पर थी। 23 मार्च से सब कुछ सामान्य होगा...या फिर देश लॉकडाउन की ओर बढ़ जाएगा, क्योंकि कोरोना संकट देश में अपना पैर पसार रहा था...

दूसरे दिन यानि की 19 मार्च को खबर आ गई कि पीएम मोदी रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे। शक अब यकिन में बदल गया, पक्का हो गया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए पीएम मोदी कोई बड़ा ऐलान कर सकते है मशलन लॉकडाउन जैसा ऐलान कर सकते है। दिन भर टीवी पर चलता रहा, पीएम मोदी ये बोलेंगे, पीएम मोदी वो बोलेंगे, ये एलान हो सकता है, जितने चैनल उतनी कयासे लगाई जा रही थी, किसी तरह से दिन बिता, शाम हुई और रात 8 बजते ही पीएम मोदी टीवी पर अवतरीत हो गए, पहले कोरोना पर पूरी जानकारी दी, देश में तैयारियों की जानकारी दी, फिर ऐलान किया कि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू रहेगा। जनता कर्फ्यू का मतलब भी बताया...जनता कर्फ्यू जनता का, जनता के लिए और जनता के द्वारा, जनता कर्फ्यू सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक लगाया गया, जनता कर्फ्यू के दौरान सभी आवाजाही पर प्रतिबंध की बात कही गई। साथ ही पीएम मोदी ने एक और ऐलान किया, उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ने में जो फ्रंट लाइन योद्धा हैं उनके के लिए शाम 5 बजे 5 मिनट के लिए अपनी बालकनी और छत से ताली और थाली बजाएं। थाली बजा कर कोरोना वॉरियर्स का मनोबल बढ़ाएं।
तारीख 22 मार्च, पीएम मोदी के ऐलान के मुताबिक सुबह से पूरे देश में जनता कर्फ्यू लग गया था, पूरे देश के साथ राजधानी दिल्ली की सड़कें भी खाली दिख रही थी। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। किसी को भी ना दफ्तर जाने की जल्दी थी और ना ही किसी को ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन जाने की हड़बड़ी। सभी लोग आराम से अपने घरों में छूट्टी का आनंद ले रहे थे। और जनता कर्फ्यू का पालन कर रहे थे। सुबह के 10 बजने के साथ ही चारों तरफ से सन्नाटे की तस्वीरें आने लगी। न्यूज चैनल पर बड़े बड़े शहरों के एरियर शॉट आने लगे, तस्वीरों में दूर-दूर तक कोई नहीं दिखाई दे रहा था। केवल कंक्रीट की बस्ती दिखाई दे रही थी। सड़कों पर एगी दूगी गाड़ियां दिख रही थी जो इसेंसियल सर्विस में लगी हुई थी।
खैर मुझे भी इवनिंग शिफ्ट में ऑफिस जाना था सो मैं भी तैयार हुआ और तीन बजने के साथ ऑफिस के लिए निकल पड़ा। अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन के सामने पहुंचा और सड़क किनारे बाइक रोक दी। ऐसा नजारा दिल्ली में रहने के 7 साल के दौरान कभी नहीं दिखा। ऐसा मौका कभी नहीं आया कि सड़क पर एक भी गाड़ी नहीं दिखी, सुबह हो, दोपहर हो या फिर शाम हमेशा गाड़ियों की लंबी कतार लगी रहती थी। मैंने पौकेट से मोबाइल निकाला और इस ऐतिहासिक पल को कैमरे में कैद कर लिया। तब ये मालूम नहीं था ये सड़के अगले दो महीनों के लिए ऐसी खाली रहनेवाली है। खैर वहां से आगे बढ़ा...सड़कें खाली थी, बाइक ड्राइव करने में आनंद आ रहा था हवा को चिरती बाइक फर्राटे के साथ आगे बढ़ रही थी। रोज की तरह ऑफिस पहुंचा और काम में लग गया। शाम 5 बजने वाले ही थे कि उससे पहले ही ANI
से ताली और थाली बजाने की तस्वीरें आने लगी। आम जनता के साथ बड़े-बड़े नेता अपने घरों के बाहर या फिर बालकनी से ताली और थाली बजाते नजर आ रहे थे, पीएम मोदी की भी तस्वीर आई , पीएम भी चम्मच से थाली बजाते नजर आये। देखते ही देखते पूरा देश ताली और थाली से पूरा देश गूंज उठा। माहौल गजब का बन गया, लोग कोरोना वॉरियर्स का हौसला बढ़ाने के साथ ही इसे एक त्यौहार की तरह मना रहे थे। मेरी बेटी और मेरा बेटा भी बालकनी में अपनी मां के साथ थाली बजाने में मग्न थे। मैं उन्हें वीडियो कॉल के माध्यम से देख रहा था। इसके साथ ही लॉकडाउन का पहला पहला चैप्टर या यू कहे कि जनता कर्फ्यू खत्म हुआ। अब लोगों की निगाह 23 मार्च पर थी। 23 मार्च से सब कुछ सामान्य होगा...या फिर देश लॉकडाउन की ओर बढ़ जाएगा, क्योंकि कोरोना संकट देश में अपना पैर पसार रहा था...
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